मैं और तुम

मैं और तुम


बड़े अरमान से सोचा मैं और तुम
हो गए हैं हम, फासले गुम दूरियां कम
फिर तुमने याद दिलाया, खामख्याली है
मेरा ही था ये भरम, जुदा हो तुम जुदा हम।

एक मनचले छोटे बच्चे सी ये जिद
पर तुमने दिखाई मुझको हमारी हद
जताया, बहुत प्यार से समझाया
प्यार मोहब्बत बकवास न रखो कोई आस।

दुनिया बहुत सयानी है
सबकी अपनी अपनी परेशानी है
कोई प्यार को समझता कारोबार
किसी के लिए प्यार ही जिंदगानी है।

कौन कहता है तुम हो खराब
मेरी नजर से देखो, हो नायाब
भला कोई किसी को मुफ्त सलाह देता है
एक सच्चा दोस्त ही हमदर्द होता है
ये अलग बात है पहले मुझे कोई दर्द न था
जब तुम और मैं अलग अलग थे
और कोई टूटने का गम न था।।

आभार – नवीन पहल – १३.०४.२०२२ 👍💐🙏🌹

# प्रतियोगिता हेतु


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9 Comments

Shrishti pandey

15-Apr-2022 09:16 AM

Very nice

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Abhinav ji

15-Apr-2022 08:30 AM

Very nice

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Abhinav ji

15-Apr-2022 08:29 AM

Very nice👍

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